हाल ही में सोना और चांदी के रेट में जो गिरावट देखी गई है, उसने आम ग्राहकों से लेकर ज्वेलर्स तक सभी को हैरान कर दिया है। कुछ दिन पहले तक सोने की कीमत नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में बदलाव, डॉलर की मजबूती और मांग में कमी के चलते अब भाव नीचे लुढ़कते नजर आ रहे हैं। निवेशक भी अब इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर ये गिरावट कब तक जारी रहेगी और कब उन्हें सही दाम पर सोना खरीदने का मौका मिलेगा। भारत में शादी-विवाह का सीजन आने वाला है, और ऐसे में ग्राहक हमेशा बेहतर रेट की तलाश में रहते हैं।
चांदी के भाव में भी अचानक आई यह गिरावट बाजार की चाल को पूरी तरह बदल चुकी है। एक समय ऐसा भी आया था जब चांदी के दाम तेजी से उछलने लगे थे, लेकिन अब वही चांदी निवेशकों के लिए सस्ते दामों में उपलब्ध है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, आने वाले दिनों में कीमतें और भी नीचे जा सकती हैं और इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। आज हम इसी विषय पर विस्तार से बात करेंगे कि सोने और चांदी के रेट क्यों गिर रहे हैं, और आगे स्थिति कैसी रह सकती है।
भारत में सोने और चांदी की नवीनतम कीमत कितनी है?
सोने और चांदी की वर्तमान कीमतें लगातार बदल रही हैं। भारत के बड़े शहरों में आज के ताजा भाव कुछ इस प्रकार दर्ज किए गए हैं। उपभोक्ताओं के लिए यह एक अच्छा संकेत है कि कई दिनों की तेजी के बाद कीमतों में मौक़ा मिला है।
देश के मेट्रो शहरों में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमत में लगभग ₹400 से ₹700 तक की कमी देखने को मिली है। वहीं चांदी की कीमत प्रति किलो लगभग ₹900 से लेकर ₹1500 तक नीचे गिर चुकी है। हालांकि भाव राज्य दर राज्य टैक्स और मेकिंग चार्ज की वजह से अलग होते हैं, इसलिए हर ग्राहक को खरीदने से पहले अपने शहर के रेट की जांच जरूर करनी चाहिए।सोने के गिरते दामों के पीछे मुख्य कारण क्या हैं?
सोने के दाम में उतार-चढ़ाव के कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण होते हैं, जिनका बाजार पर सीधा असर पड़ता है। निवेशक हमेशा इन संकेतों को देखकर खरीद-फरोख्त करते हैं, इसलिए थोड़े-से बदलाव से ही रेट ऊपर-नीचे होने लगते हैं।
सबसे बड़ा कारण है डॉलर में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय बाजार में फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो सोने में निवेश करने की जगह लोग बैंकिंग और अन्य विकल्पों में पैसा लगाने लगते हैं। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक तनाव कम होने पर भी सोने की मांग घटती है और कीमत नीचे आ जाती है। भारत में मांग कम होना भी एक बड़ा कारण बनता है, खासकर जब उपभोक्ता उच्च कीमतों की वजह से खरीदारी रोक देते हैं।
क्या उपभोक्ताओं के लिए यह सोना खरीदने का सही मौका है?
अगर आप निवेश या शादी-विवाह के लिए सोना खरीदने का सोच रहे हैं, तो यह समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। गिरती कीमतें हमेशा से उपभोक्ताओं के लिए अवसर का समय मानी जाती हैं। ऐसे समय में खरीदा गया सोना आने वाले भविष्य में बेहतर रिटर्न दे सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भाव में और गिरावट देखने को मिल सकती है, लेकिन पूरी तरह से अनुमान लगाना मुश्किल है। इसलिए अगर आप लंबे समय के निवेशक हैं, तो मौजूदा कीमत आपको घाटे में नहीं ले जाएगी। समान रूप से चांदी खरीदने वालों के लिए भी यह अच्छा समय माना जा रहा है।
चांदी का क्या हाल है और आगे कीमत कैसी रह सकती है?
चांदी के दाम सोने की तुलना में ज्यादा तेजी से ऊपर-नीचे होते हैं। इंडस्ट्रियल डिमांड, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स से जुड़ी बढ़ती जरूरतें इसकी कीमत को काफी प्रभावित करती हैं। इसलिए बाजार में थोड़े बदलाव के साथ ही चांदी के रेट गिर जाते हैं।
अगर आने वाले महीनों में इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ती है तो चांदी फिर तेजी पकड़ सकती है। वहीं, अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर बनी रहती है, तो इसकी कीमत में और गिरावट देखी जा सकती है। इसीलिए निवेशकों को खरीदारी करते समय अपने बजट और लक्ष्य को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।
शादी-पर्व सीजन में बाज़ार की चाल कैसी रहेगी?
भारत में सोना सिर्फ निवेश नहीं बल्कि परंपरा और भावनाओं से जुड़ा हुआ है। शादी-पर्व के दौरान सोने की मांग अपने चरम पर पहुंच जाती है और इसी वजह से रेट में भी उछाल आ जाता है।
अगर कीमत कम रहती है, तो ज्वेलरी दुकानों में भारी भीड़ देखने को मिलेगी। कई लोग ऐसे मौके का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं ताकि वे कम दामों में ज्यादा खरीद सकें। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले सीजन में मांग बढ़ने पर कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं, इसलिए खरीदारी में देरी करना फर्क डाल सकता है।
गोल्ड में निवेश फायदेमंद क्यों माना जाता है?
सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश के रूप में जाना जाता है। चाहे मंदी हो या महंगाई, सोने की कीमत लंबे समय में हमेशा ऊपर जाती है और निवेशकों को मुनाफा देती है।
डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्पों के आने से निवेश आसान और सुरक्षित भी हो गया है। इन माध्यमों में मेकिंग चार्ज नहीं लगता और रिस्क भी कम होता है, इसलिए लोग सोने को भरोसेमंद निवेश मानते हैं।
सोना और चांदी खरीदते समय किन बातों पर ध्यान दें?
जब भी आप सोना खरीदने जाएँ, तो उसकी शुद्धता और बिल को प्राथमिकता दें ताकि भविष्य में बेचने पर कोई परेशानी न आए।
751 हॉलमार्क, बीआईएस प्रमाणित सोना ही खरीदना चाहिए। इसके अलावा, मेकिंग चार्ज और GST की जानकारी पहले ही ले लें। चांदी खरीदते समय भी शुद्धता और वजन की सही जांच जरूरी है ताकि भाव का सही हिसाब लगाया जा सके।अंतरराष्ट्रीय बाजार का भारतीय गोल्ड रेट पर क्या असर होता है?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का व्यापार बड़े पैमाने पर होता है और भारतीय बाजार भी उसी का अनुसरण करता है। इसलिए विदेशी बाजार में कोई भी हलचल यहां सीधे देखने को मिलती है।
अगर अमेरिकी बाजार मजबूत होता है तो सोना अक्सर कमजोर होता है, और इसके उलट भी होता है। तेल की कीमत, ब्याज दर और अंतरराष्ट्रीय रिश्ते गोल्ड के उतार-चढ़ाव का कारण बनते हैं। यही वजह है कि भारत में सोने की कीमत स्थिर रहना लगभग असंभव है।
निष्कर्ष
सोना और चांदी दोनों की कीमतों में बड़ी गिरावट उपभोक्ताओं के लिए बढ़िया अवसर साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में रेट में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा, इसलिए खरीदारी सोच-समझकर करनी चाहिए। निवेश के लिहाज़ से सोना हमेशा सुरक्षित विकल्प माना जाता है और सही समय पर खरीदा गया सोना भविष्य में अच्छा लाभ जरूर देता है।