पिछले कुछ महीनों से सोना और चांदी के दाम लगातार ऊंचाई पर बने हुए थे, जिससे आम ग्राहकों और निवेशकों के लिए इनकी खरीदारी करना मुश्किल हो गया था। लेकिन अब नवंबर 2025 की शुरुआत में ही बाजार से बड़ी खबर आई है — सोना और चांदी दोनों के दामों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब त्योहारी सीजन के बाद आमतौर पर दामों में स्थिरता या बढ़ोतरी देखने को मिलती है। इस बार गिरावट का यह दौर ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, क्योंकि लंबे समय के बाद अब लोगों को कम दाम पर ज्वेलरी खरीदने और निवेश करने का मौका मिला है।
देशभर के प्रमुख बुलियन मार्केट्स जैसे दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और चेन्नई में सोने की कीमतों में प्रति 10 ग्राम ₹800 से ₹1,200 तक की कमी आई है। वहीं, चांदी के भाव में प्रति किलो ₹1,000 से ₹1,500 तक की गिरावट दर्ज की गई है। यह रुझान दर्शाता है कि आने वाले दिनों में सोना-चांदी बाजार में हल्की मंदी का दौर जारी रह सकता है, जिससे खरीदारों को और फायदा हो सकता है।
आज के ताज़ा सोना और चांदी के रेट – जानिए आपके शहर में कितना सस्ता हुआ सोना
देश के विभिन्न शहरों में सोने और चांदी के आज (12 नवंबर 2025) के ताज़ा रेट इस प्रकार हैं:
| शहर | 22 कैरेट सोना (10 ग्राम) | 24 कैरेट सोना (10 ग्राम) | चांदी (1 किलो) |
|---|---|---|---|
| दिल्ली | ₹56,800 | ₹62,050 | ₹79,400 |
| मुंबई | ₹56,600 | ₹61,800 | ₹79,100 |
| कोलकाता | ₹56,650 | ₹61,850 | ₹79,200 |
| चेन्नई | ₹57,000 | ₹62,300 | ₹79,900 |
| जयपुर | ₹56,700 | ₹61,900 | ₹79,250 |
यह रेट भारतीय बुलियन एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार औसत बाजार मूल्य पर आधारित हैं, जो हर दिन सुबह और शाम को जारी किए जाते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि वास्तविक रेट ज्वेलरी शॉप और टैक्स पॉलिसी के आधार पर थोड़े अलग हो सकते हैं।
आखिर क्यों गिरे सोना और चांदी के दाम?
सोना-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव हमेशा कई कारणों पर निर्भर करता है। इस बार गिरावट के पीछे तीन प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।
1️⃣ डॉलर इंडेक्स की मजबूती:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमत पर सीधा असर पड़ता है। चूंकि सोना डॉलर में ट्रेड होता है, इसलिए डॉलर के मजबूत होते ही सोना सस्ता दिखने लगता है, जिससे मांग में गिरावट आती है।
2️⃣ अंतरराष्ट्रीय सोने की मांग में कमी:
पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका और यूरोप में ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीद कम हो गई है। इससे सोने को ‘सेफ इन्वेस्टमेंट’ के रूप में चुनने वाले निवेशक फिलहाल सतर्क हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर मांग में कमी आई है।
3️⃣ भारत में त्योहारी मांग का अंत:
दशहरा और दीवाली जैसे बड़े त्यौहारों के बाद भारत में सोने की खरीदारी में सामान्य गिरावट आती है। इसी मौसमी प्रभाव के कारण भी कीमतों पर दबाव देखा गया है।
इन सभी कारणों का संयुक्त असर यह हुआ कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी दोनों की कीमतों में गिरावट आई और उसका असर भारत के घरेलू बाजार पर भी पड़ा
निवेशकों के लिए बड़ा अवसर – अभी खरीदें या इंतज़ार करें?
सोना और चांदी दोनों ही सदियों से सुरक्षित निवेश के प्रतीक माने जाते हैं। जब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता है या मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो लोग अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए गोल्ड में निवेश करते हैं। अब जब कीमतों में गिरावट आई है, तो निवेशकों के सामने बड़ा सवाल है — “क्या यह सही समय है खरीदारी का?”
विशेषज्ञों की राय में, यह गिरावट अस्थायी है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और तेल कीमतों की अस्थिरता को देखते हुए आने वाले महीनों में सोना फिर से महंगा हो सकता है। ऐसे में जो लोग दीर्घकालिक निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह बेहद सुनहरा मौका है। हालांकि शॉर्ट-टर्म में थोड़ी और गिरावट संभव है, इसलिए खरीदारी को दो या तीन हिस्सों में बाँटकर करना बेहतर रहेगा।
शादी के सीजन में बढ़ेगी मांग – ज्वेलरी कारोबारियों में उत्साह
भारत में नवंबर से फरवरी तक का समय शादी-ब्याह का सीजन माना जाता है। इस दौरान ज्वेलरी की मांग हमेशा अपने उच्चतम स्तर पर होती है। अब जब सोने के दाम घटे हैं, तो ज्वेलरी कारोबारियों के चेहरे पर भी मुस्कान लौट आई है। व्यापारियों का कहना है कि पिछले दो सालों में लगातार बढ़ते दामों के कारण कई ग्राहक सोना खरीदने से हिचक रहे थे, लेकिन अब कम रेट्स की वजह से बुकिंग्स फिर से बढ़ने लगी हैं।
कई बड़े ज्वेलर्स ने तो ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए “Gold Rate Lock” स्कीम भी शुरू की है, जिसमें ग्राहक मौजूदा रेट पर एडवांस देकर बाद में डिलीवरी ले सकते हैं। इससे उन्हें आगे कीमत बढ़ने पर भी नुकसान नहीं होता
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी की स्थिति
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना और चांदी इस समय दबाव में हैं। COMEX (अमेरिकी बाजार) में गोल्ड की कीमत $2,355 प्रति औंस के आसपास ट्रेड कर रही है, जो पिछले हफ्ते की तुलना में करीब $20 सस्ती है। वहीं, सिल्वर की कीमत $27.20 प्रति औंस दर्ज की गई है। डॉलर इंडेक्स 106 के ऊपर बना हुआ है, जिससे निवेशक अन्य मुद्राओं में सोने की खरीद से बच रहे हैं। इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह गिरावट आई है।
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि अगर आने वाले महीनों में अमेरिका में ब्याज दरें घटाई जाती हैं, तो गोल्ड में तेजी लौट सकती है। इसलिए लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह समय खरीदारी के लिहाज से सही माना जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ी सोने की मांग
भारत के ग्रामीण इलाकों में सोना सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि परंपरा का हिस्सा माना जाता है। खेती से जुड़ी आमदनी का बड़ा हिस्सा लोग सोना खरीदने में लगाते हैं। इस बार अच्छी मॉनसून और फसल की उम्मीद के चलते ग्रामीण इलाकों में भी सोने की खरीदारी बढ़ने लगी है। चांदी के बर्तन और सिक्कों की मांग भी तेज हुई है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह रुझान जारी रहता है, तो आने वाले महीनों में फिर से दामों में तेजी देखी जा सकती है।
सोने-चांदी में निवेश करने के आधुनिक तरीके
आज के डिजिटल युग में सोना खरीदने के कई नए और सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं। जिन लोगों के पास भौतिक सोना रखने की जगह नहीं है या चोरी का डर है, वे डिजिटल या पेपर गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- Sovereign Gold Bond (SGB) Scheme – RBI द्वारा जारी, 2.5% वार्षिक ब्याज के साथ
- Gold ETF (Exchange Traded Fund) – स्टॉक मार्केट में ट्रेड होने वाला गोल्ड इन्वेस्टमेंट
- Digital Gold Apps (PhonePe, Google Pay आदि) – छोटे निवेशकों के लिए
- Silver ETF और कमोडिटी फंड्स – चांदी में निवेश के लिए नया माध्यम
इन माध्यमों से निवेशक आसानी से सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से सोना-चांदी में निवेश कर सकते हैं, बिना किसी ज्वेलरी स्टोर जाए।
आने वाले दिनों में क्या रहेगा रुझान?
विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल सोने की कीमत ₹60,000 के नीचे टिकने की संभावना है, लेकिन दिसंबर या जनवरी तक यह फिर से बढ़कर ₹62,000–₹63,000 तक जा सकती है। चांदी में भी 2–3% की तेजी की उम्मीद है। बाजार की दिशा डॉलर इंडेक्स, क्रूड ऑयल और अमेरिकी ब्याज दरों पर निर्भर करेगी। यदि वैश्विक स्तर पर कोई बड़ी आर्थिक या राजनीतिक हलचल होती है, तो सोना फिर से सुरक्षित निवेश के रूप में चमक सकता है।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
अगर आप शादी, उपहार या निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए बहुत फायदेमंद है। कीमतों में हालिया गिरावट के बावजूद, लंबी अवधि में सोना हमेशा मुनाफा देने वाला एसेट साबित हुआ है। विशेषज्ञों की सलाह है कि:
- बजट के हिसाब से धीरे-धीरे खरीदारी करें
- बिल और हॉलमार्क की जांच जरूर करें
- शुद्धता (22K/24K) की सही जानकारी रखें
- डिजिटल या SGB में निवेश पर भी विचार करें
निष्कर्ष
फिलहाल बाजार से आई खबरें सोना और चांदी खरीदने वालों के लिए बेहद राहत देने वाली हैं। कीमतों में आई गिरावट ने एक बार फिर लोगों को ज्वेलरी शॉप्स की ओर आकर्षित किया है। चाहे शादी के लिए खरीदारी करनी हो या भविष्य के लिए निवेश, यह समय निश्चित रूप से Golden Opportunity साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सोना और चांदी दोनों ही हमेशा लाभदायक रहते हैं। इसलिए यह समय समझदारी से निवेश करने और सुनहरे भविष्य की तैयारी करने का है।